Wednesday, 7 December 2016

करप्शन के किस्से जो हमारे साथ हुए

करप्शन के किस्से जो हमारे साथ हुए

पोखरिया जी गोरखपुर के थे /  बिना हिसाब दिए दफ्तर से भाग गए।  अब मर गए या मार दिए गये..  बहादुरगढ़ में दूकान से केबल का बण्डल उठा क्र बैग में डालते पकड़े गए।

प्रवेश और पाण्डे जी नौकरी हमारी करते थे , साथ में हमे बताये बिना दुसरे ब्रांड का पाइप भी दूसरी कम्पनी का बेचते थे।  हमारी फैक्ट्री के साथ ही झुगियों में  
 गोदाम बना रखा था।  हमारी फैक्ट्री के माल लेने के बाद वो टेम्पू वाला उस ब्रांड के बण्डल भी ऊपर दाल लेता था। वो भी बिना बिल के।  हमारे स्टाफ की लड़कयों ने उस की जेब से पर्चियां निकाल ली।  उस से पूछ ताश की।  वो बक पड़ा की क्या हो रहा था।  प्रवेश ने अगले दिन आ कर इस्तीफ़ा दे दिया.. पांडेय बोलता रहा इल्जाम झूठ है।  मार्किट कहती रही पांडे यह चोरी करता था।  उस मैनूफैक्चर्र ने भी माना।  तो पांडे जी को हम ने फायर  कर दिया ।


एक सेल्समेन दिनेश वर्मा जी को  , विजय इलेक्ट्रिक नई फ्रेंड्स कॉलोनी की पार्टी ने चेक दिया और  कहा  इस पे डिम्पल प्लास्टिक भर लो।  उस ने ओस पर अपना नाम भर क्र चेक अपने अकाउंट में भर लिया  और भाग गया।  फिर पुलिस स्टेशन में आकर पैसे दे गया ।

हर बिल पर लिखा रहता है की हमारी पेमेंट कसी भी सेल्समेन को केश में मत करो।  जब भी कोई सेल्समेन नौकरी छोड़ क्र चला जाता है, कई स्टॉकिस्ट कहते हैं की हम ने तो पेमेंट केश में क्र दी।  हम ने तो पड़ा ही नहीं. हमारे साथ तो धोखा हो गया।  अब कौन झूठ बोलता है।  हमे तो पता नही।  अगर वो पाठ्य हमारी पय्मेंट नहीं देती तो हम ऊँ को आगे से माल नहीं देते। यह काम तिवारी जी ने खूब किया।  वो भी भागे हुए हैं।  सूना है अगली कम्पनी के मालिक ने ऊँ की पिटाई भी की है या करवाई है।

एक सेल्समेन स्कूटर ले के भाग गया।  स्कूटर के पेपर भी डुप्लीकेट बनवा लिए।  सब हमारे कम्पीटिटरज के पास ही जाते हैं।  वो भी स्कूटर फैक्ट्री में दे गया।

बाकी फिर

मनमीत सिंह जी का कारनामा






corruption

हमें अपने इम्प्लाइज पर गर्व है
वह दिन रात मेहनत करते हैं
हम सब आगे बढ़ते हैं

पर बीच में
कुछ लोग हम से किसी कारण  नराज जो जाते हैं
और कुछ से हम नराज हो जाते हैं

कारण कई हो सकते हैं
हमारी गलती या उन की गलती

हमारी कोशिश होनी चाहिए की
मिल बैठ कर प्रॉब्लम का हल ढूंढा जाए

क्यों की फैक्ट्री पर हम सब लोगों के परिवार भी जुड़े हैं

इस लिए कोई भी कदम ऐसा ना लिया जाए जिस से किसी का परिवार दुखी हो

मैनेजमेंट को कभी अभीमांन नहीं करना चाहिए

हर आदमी का अपना कॉन्ट्रिब्यूशन होता है
उसे गूसे  मे आ कर इग्नोर नहीं करना चाहिए


हमें उस की बात सुननी चाहिए , समझनी चाहीये

वो हम करते आये हैं और करते रहेंगे

पर एक बात पर हम कभी कॉम्प्रोमाइज़ नहीं करते

वो है

ठगी  यानी करप्शन

हम से या हमारे कस्टमर से

अगर वो पकड़े जाते हैं तो उन्हें नोकरी छोड़ कर जाना ही पड़ता है

हम आप को कुछ किस्से जल्दी ही बताएंगे