रेलवे की लाइनों में थोड़ी दूरी पर गैप छोड़ा जाता है। ता की जब लाइन गर्म हो कर लम्बाई में बढ़े तो बढ़ने के लिए उसे जगह मिले और लाइन अपनी जगह पर टिकी रहे। नहीं तो उखड़ कर स्पोर्ट भी उठा फेंकेगी।
इसी तरह जब हम पी वी सी पाइपों को दीवार पर पोआइंट ए से बी तक फिट करते हैं तो पाइप की लम्बाई दोपहर में बढ़ती है , शाम को घटती है। यह तभी हो सकती है जब हम सॉकेट के अंदर लम्बाई बढ़ने या घटने की जगह छोड़ेंगे। एक सॉकेट में पाइप को घुसा के एक सेंटी मीटर पीछे सॉकेट में ही खींच लो। नहीं तो पाइप दीवार से उखड़ कर लटक जाएंगे।
यही बात आप को सेनेटरी ड्रेन पाइप जो छत से नीचे आती हैं उन की लम्बाई बढ़ने के लिए ध्यान में रखनी होगी। ऐस डब्ल्यू आर पाइप इसी लिए यू ज किये जाते हैं। पर याद रहे ऐस डब्ल्यू आर पाइप को सॉकेट में एडहेसिव लगा कर जोड़ा नहीं जाता।
और अगर ऐस डब्ल्यू आर पाइप नहीं केवल प्लेन सॉकेट वाला पाइप है तो उसे सॉकेट में एडहेसिव लगा कर जोड़ा जात्ता है। पर नीचे जमीन से एक दो इंच ऊपर रखा जाता है। नहीं तो या तो एल्बो टूट जाती है या पाईप दीवार से उखड़ जाते हैं।
स्टीम के पाइपों में इस का हल ए और बी के बीच यू शेप दे क्र पाइप को ले जाया जाता है।
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